शकरकंद का वानस्पतिक नाम -
आइपोमिया वटाटा ( ipomoea batatas)- Family's Sweet potato
शकरकंद का कुल- कोनवोल्बुलेसी ( convolvulaceae)!
शकरकंद का जन्म स्थान - North America !
भूमि -: शकरकंद के लिए भूमि बलुई दोमट भूमि सरवौतम रहती हैं!
भूमि की तैयारी -: शकरकंद के लिए भूमि की अच्छी तैयारी की आवश्यकता होती हैं! 4-5 जुताई पर्याप्त होती हैं!
खाद एवं उर्वरक -: शकरकंद की खेती के लिए अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए प्रति हेक्टेयर निम्न प्रकार खाद एवं उर्वरक देनी चाहिए! गोबर की खाद - 200-250 कुन्टल प्रति हेक्टेयर, नाइट्रोजन -50kg फास्फोरस -50kg पोटाश -50kg
उन्नत किस्में -: पूसा लाल, पूसा सफेद, पूसा सुनहरी, हरटो गैली!
बीज एवं उसकी मात्रा -: उत्तर प्रदेश मे शकरकंद की लताओ के टुकडे बर्षारतु के प्रारम्भ में जून -जुलाई में खेत में लगाये जाते हैं! बेल की 30-40 सेमी के लंबे टुकडे काट लेने चाहिए! प्रत्येक टुकड़े में 4-5 गाठे होनी चाहिए! 60 सेमी की दूरी पर बने 20 सेमी ऊँची मेड़ो पर कतरन के दोनों सिरे 5 सेमी बाहर रखते हुए बीच का भाग 6-7 सेमी गहरी मिट्टी में दबा देना चाहिए! एक हेक्टेयर खेत के लिए 40000-50000 कतरनो की आवश्यकता पड़ती हैं जिनका भार 10-12 कुन्टल हो सकता है !
सिचाई एवं जलनिकास -: लताओ के टुकडे की रोपाई के तुरंत बाद सिचाई करनी चाहिए! उसके बाद 10-12 दिन के अन्तर पर आवश्यकता अनुसार सिचाई करते रहना चाहिए!
निराई-गुडाई -": प्रारम्भिक अवस्था में शकरकंद के खेत में पर्याप्त मात्रा में खरपतवार उग आते हैं जिन्हें खेत से निकाल देना अति आवश्यक हैं =
कटाई-: शकरकंद की खुदाई नम्बर में की जाती है खुदाई के समय खेत में नमी होने पर खुदाई करने में सुविधा रहती है!
उपज-:
शकरकंद की 250-300 कुन्टल प्रति हेक्टेयर तक उपज प्राप्त होती है! शकरकंद में क्रोमोसोम 90 तक होते है!
हाय
जवाब देंहटाएंशकरकंद को अंतह फसल के रुप मे भी उगाया जा सकता. है । गन्ना और शकरकंद की मिक्स खेती की जा सकती हैं।
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हटाएंशकरकंद को अंतह फसल के रुप मे भी उगाया जा सकता. है । गन्ना और शकरकंद की मिक्स खेती की जा सकती हैं।
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