पपीता एक बहुउपयोगी फल हैं! यह एक बर्ष बाद फलने लगता है और तीन साल तक उपज देता रहता है!
उदभव् या उत्पत्ति -: पपीता की उत्पत्ति उष्ण कटिबंधीय अमेरिका में हुई!
पपीता का वानस्पतिक नाम -केरिका पपया (carica papaya)
पपीता का कुल- केरीकेसी (caricaceae)
जलवायु -: मुख्य रूप से ये यह एक उष्ण प्रदेशीय फल है! पर उपोषण जलवायु मे जहाँ पाले का डर न हो, पपीता पैदा किया जा सकता है!
भूमि -: हल्की उपजाऊ बलुई दोमट या दोमट भूमि जहाँ सिचाई एवं पानी के निकास की अच्छी सुविधा हो, पपीते की बागबानी के लिए अच्छी होती है!
उन्नत किस्में -: सूर्या, पूसा जाइन्ट, पूसा नन्हा, पूसा मेजेस्टी, पूसा डेसीशस, पूसा ड्वार्फ, पन्त पपीता -1. हनीड्यू, पूसा -1-15,कोयमबटूर-1
रोपाई का समय -: पपीते के पौधे बर्ष में तीन बार लगाये जा सकते हैं -
1. बर्षा रीतु का आरम्भ -जून -जुलाई
2. बर्षा रीतु का अन्त -: सितम्बर -अक्टूबर
3. बसन्त रीतु -: फरवरी -मार्च पपीते की जून -जुलाई में रोपाई करना सर्वोत्तम है!
रोपाई करने का तरीका :- 50x50x50 सेमी आकार के गड्ढे 2 x 2 मीटर की दूरी पर जून में खोद ले! प्रत्येक गड्ढे में 20 किलोग्राम सड़ी गोबर की खाद एवं 1.25 किलोग्राम हड्डी का चूरा समान मात्रा में मिट्टी में मिलाकर भर दे! गड्ढे में 300 gm 10 % बी . एच. सी. धूल भी मिला देनी चाहिए! रोपाई के लिए 20-25 सेमी ऊँचे पौधे अच्छे रहते हैं! हर गड्ढे में 30 सेमी की दूरी पर 2 पौधे लगाये! पौधों को शाम को लगाना अच्छा रहता है!
खाद एवं उर्वरक :- पपीते की अधिक उपज लेने के लिए प्रति पेड़ प्रति बर्ष 2 टोकरी गोबर की खाद एवं 250 ग्राम नाइट्रोजन, 250gm फास्फोरस, 250gm पोटाश प्रति हेक्टेयर तक की 2महीने के अन्तर पर 6 बार में देने के लिए प्रति हेक्टेयर हैं!
सिचाई- पौधों को सर्दियो में 10-15 दिन व गर्मियो में 6-7 दिन के अन्तर पर सिचाई करते रहना चाहिए!
नर पौधे उखाड़ दें - पौधे लगाये के 6 माह बाद फूल आने शुरू हो जाते है और फल एक बर्ष में आ जाते हैं! मादा पौधों पर फल लगने के लिए बाग में नर पौधों का होना आवश्यक हैं! इसलिए 100 मादा पौधों के लिए 10 नर पौधे रखें और शेष उखाड़ दें!
फलों की तुड़ाई - जब फल पर पीलापन आना शुरू हो जाए तब उन्हें तोड़ लेना चाहिए!
पैदावार - पपीते की उपज उसकी किस्म, पौधों की आयु, उर्वरक की मात्रा एवं सिचाई के साधनों पर निर्भर करती है! एक पौधे से 25-100 तक फल प्राप्त होते है! एक फल का वजन आधा किलो से तीन किलोग्राम तक होता हैं! पपीते से तीन लाभदायक फसल ली जा सकती हैं और इनकी प्रति बर्ष प्रति हेक्टेयर पैदावार 250 से 350 कुन्टल ली जा सकती हैं!
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