फसल पौधों के उस समूह को कहते हैं, जिसे मनुष्य किसे उद्देश्य की पूर्ति के लिए उगता है उसे फसल कहते है!
फसलों का वर्गीकरण - सामान्यतः फसलों का वर्गीकरण निम्न आधार पर किया जाता है!
(A) पौधों के जीवन काल के आधार पर वर्गीकरण -
जीवन चक्र के आधार पर फसलों को निम्न तीन भागों में बॉटा गया है -
(1) एक बर्षीय फसलें (Annual crops) - जो फसलें अपना जीवन चक्र एक बर्ष के अन्दर पूरा करती हैं उन्हें! जैसे - गेहूँ, चना, जौ, सोयाबीन आदि !
(2) व्दिबर्षीय फसलें (Biennial crops) - जो फसलें अपना जीवन चक्र दो बर्ष में पूरा करती हैं अर्थात पहले बर्ष में वृद्धि करती है और दूसरे बर्ष में बीज उत्पादन करती है., जैसे - चुकन्दर, प्याज, आदि!
(3) बहुबर्षीय फसलें (Berennial crops) - इस वर्ग की फसलें अनेक बर्षो तक जीवित रहती है., जैसे - लूर्सन, नेपियर आदि!
(B) ऋतुओं के आधार पर वर्गीकरण Classification According to Seasons) -
(1) खरीफ की फसलें (Kharif crops)- इस वर्ग की फसलों को बोते समय अधिक तापक्रम तथा आर्द्रता व पकते समय शुष्क वातावरण की आवश्यकता होती हैं! इस वर्ग में मुख्य रूप से धान, मक्का, ज्वार, मूंग, लोबिया, कपास, जूट, आदि फसलें आती हैं!
(2) रबी की फसलें (Rabi crops) - इस वर्ग की फसलें बोते समय अपेक्षाकृत कम तापक्रम तथा पकते समय अधिक तापमान व शुष्क वातावरण की आवश्यकता होती हैं! फसलों में मुख्यतः जौ, राई, गेहूँ, जई, आदि फसलें आती हैं!
(3) जायद की फसलें (Zaid crops) - इस वर्ग की फसलें में गर्म शुष्क मौसम को सहन करने की छमता होती है इस वर्ग में मुख्य, खरबूजा, तरबूज, ककड़ी, खीरे की फसलें आती है!
(C) फसलों का आर्थिक वर्गीकरण (economic classification) -
(1) अनाज की फसलें (cereal crops) - इन फसलों के दाने मनुष्यो व पशुओं के आहार के प्रयोग मे लाये जाते हैं और वानस्पतिक भाग पशुओं के चारे के रूप में प्रयोग किया जाता है, ज्वार, गेहूँ, मक्का, बाजरा, जौ, जई, जई चीना, मण्डूआ आदि!
(2) दलहनी फसलें- इस वर्ग की फसलों में प्रोटीन अधिक होती हैं, जैसे -मूंग, उर्द, मसूर, चना मटर, अरहर आदि!
(3) तिलहनी फसलें - इस वर्ग की फसलें मुख्यतः तेलो के लिए उगाई जाती हैं, जैसे - सूरजमुखी, तिल, राई, मूंगफली, अरण्डी आदि!
(4) रेशे वाली फसलें (Fiber crops) - इस वर्ग की फसलों से रेशा प्राप्त किया जाता है, जिससे टाट, बोरे, दरी आदि तैयार किया जाता है जैसे - जूट, कपास, सनई, पटसन आदि!!
(5) शर्करा वाली फसलें - इस वर्ग की फसलों से चीनी तैयार की जाती है, जैसे - गन्ना, चुकन्दर आदि!
गन्ने के तने में व चुकन्दर की जड़ो में चीनी का संग्रह होता है !
(6) सब्जी वाली फसलें - ये फसलें सब्जी के लिए उगाई जाती हैं, जैसे -टमाटर भिण्डी, बैगन, लौकी, गाजर, मूली, पातगोभी, फूलगोभी, पालाक आदि!
(7) चारे वाली फसलें - इस वर्ग की फसलें पशुओं के लिए चारे के उद्देश्य से उगाई जाती हैं, जैसे - बरसीम, लोबिया, ज्वार, नेपियर, घास जई बजरा आदि!
(8) मसाले व औषधि वाली फसलें - इन वर्ग फसलों को उगाने का उद्देश्य मसाले व औषधि प्राप्त करना है, जैसे -जीरा, सौंफ, मिर्च धनिया, अजवायन, मेथी, हल्दी, प्याज में सौंठ, पोदिना, अदरक आदि!
(9) उद्दीपक फसलें - इस वर्ग में तम्बाकू, चाय कॉफी, अफीम, आदि आती हैं!
(10) फलो वाली फसलें - इस वर्ग में खरबूजा, तरबूजा, खीरा, ककड़ी, सिंघाडा टमाटर आदि!
Nice post
जवाब देंहटाएंफसलों-का-वर्गीकरण