शनिवार, 18 मार्च 2017

मसूर की खेती ( cultivation of lentil)

मसूर रबी की एक प्रमुख दलहनी फसल हैI विश्व में इसकी खेती सर्वाधिक भारत में की जाती हैI उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र में मसूर एकल फसल के रूप में उगायी जाती हैI इसमे प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पायी जाती है

प्रजातियाँ

मसूर के खेती के लिए कौन कौन सी प्रमुख प्रजातियाँ हैं?

मसूर की बुवाई की जाने वाली प्रमुख प्रजातियाँ जैसे की पूसा वैभव, आई पी एल८१, नरेन्द्र मसूर १, पन्त मसूर ५, डी पी एल १५ ,के ७५ तथा आई पी एल ४०६ इत्यादि प्रजातियाँ हैं

उपयुक्त भूमि

 मसूर की खेती के लिए किस प्रकार की भूमि की आवश्यकता होतीं है?

मसूर की  खेती के लिए दोमट भारी भूमि बहुत ही उपयुक्त होती है इसके लिए सबसे उत्तम दोमट भूमि होती है

उपयुक्त जलवायु

 मसूर की खेती के लिए किस प्रकार की जलवायु की आवश्यकता  होती है?

फसल की वानस्पतिक वृद्धि के लिए ठंडी जलवायु तथा पकने के समय गर्म जलवायु की आवश्यकता पड़ती हैI फसल के लिए २० डिग्री से ३० डिग्री सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होती हैI इस जलवायु में मसूर की खेती सफलता पूर्वक की जा सकती है

खेत की तैयारी

 मसूर की खेती के लिए खेत की तयारी किस प्रकार से करें?

मसूर की खेती के लिए सबसे पहली जुताई मिट्टी पलटने वाले हल से करना चाहिएI इसके पश्चात दो तीन जुताई देशी हल या कल्टीवेटर से करने के पश्चात पाटा लगा कर खेत को समतल तैयार कर कर लेना चाहिएI जिससे की सिचाई करने में कोई असुविधा न हो

बीज बुवाई

मसूर की समय से बुवाई करने के लिए ४० से ६० किलोग्राम बीज की मात्रा तथा पछेती बुवाई के लिए ६५ से ८० किलोग्राम बीज प्रति हैक्टर की आवश्यकता होती हैI

मसूर की खेती के लिए बीज उपचार हमें हमें कब और कैसे करना चाहिए?

मसूर की फसल को रोगों से बचाने के लिए बीज को बुवाई से पूर्व २ ग्राम थीरम या ३ ग्राम मैन्कोजेब प्रति किलोग्राम बीज को शोधित करके तथा १० किलोग्राम बीज को २०० ग्राम राइजोवियम कल्चर से उपचारित करके ही बुवाई करनी चाहिएI    

मसूर की बीज के बुवाई का सही समय क्या है और वह इसे कैसे करें?

मसूर की बुवाई अक्टूबर के मध्य से नवम्बर के मध्य तक समय बहुत ही अच्छा होता हैI बुवाई के लिए जीरो टिलर सीड ड्रिल लाभप्रद होती है

जल प्रबंधन

मसूर की फसल में सिचाई हमें कब करनी चाहिए?    

मसूर की फसल एक सिचाई फूल आने के पूर्व एक सिचाई करना अति आवश्यक होता हैI यदि जाड़े में वर्षा न हो तो एक सिचाई फली बनने के समय करना अति आवश्यक है

पोषण प्रबंधन

मसूर की खेती में उर्वरको का प्रयोग प्रति हैक्टर कितनी मात्रा में करें?

मसूर की सामान्य बुवाई के लिए २० किलोग्राम नाइट्रोजन, ६० किलोग्राम फास्फोरस, २० किलोग्राम पोटाश तथा २० किलोग्राम गन्धक प्रति हैक्टर की दर से प्रयोग करना चाहिए

खरपतवार प्रबंधन

 मसूर की फसल में खरपतवारो का नियत्रण करें ? 

मसूर की फसल के खरपतवार नियत्रण के लिए बुवाई के २० से २५ दिन बाद निराई गुड़ाई करना चाहिए तथा पेंडामेथालिन नामक रसायन की ३.३ लीटर की मात्रा को १००० लीटर पानी में मिलाकर बुवाई के बाद तुरन्त छिडकाव करना चाहिएI जिससे की खरपतवार उग ही न सके

रोग प्रबंधन 

मसूर की फसल में प्रमुख रोग कौन कौन से हैं, उसका नियंत्रण किस प्रकार से करें?

मसूर की फसल के रोग जैसे की उकठा रोग, गेरुई रोग, ग्रीवा गलन, मूल गलन प्रमुख हैI इस रोग से फसल को बचाने के लिए बुवाई से पूर्व बीज को थीरम नामक रसायन २.५ ग्राम मात्रा या ४ ग्राम ट्राईकोडरमा से प्रति किलोग्राम बीज दर से उपचारित करके ही बुवाई करनी चाहिएI फसल को मृदा जनित रोगों जैसे ग्रीवा गलन मूल गलन आदिके बचाव के लिए भूमि में ५ किलो ट्राईकोडरमा पाउडर को गोबर की खाद में मिलाकर मिट्टी में मिला देनी चाहिएI जिससे की रोगों का प्रकोप न हो सके

कीट प्रबंधन

 मसूर की फसल में लगने वाले कीट कौन से होते है, उसका नियंत्रण किस तरह से किया जाए?

इस फसल में मुख्यता माहू कीट यह कीट फसल के पत्तियों तथा पौधों के कोमल भागो से रस चूस कर नुकसान पहुचता हैं इसकी रोकथाम के लिए मैलाथियान ५0 ई सी २ लीटर मात्रा या फारमेथियान २५ ई सी की १ लीटर मात्र को ६००  से ८०० लीटर पानी में मिलाकर प्रति हैक्टर की दर से छिडकाव करना चाहिए जिससे की कितो का प्रकोप न हो सके दूसरा है फली वेधक कीट यह कीट फालियो में छेद करके दानो को नष्ट करता है, इसकी रोकथम के लिए फेनबलारेट नामक रसायन ७५० मिलीलीटर मात्रा या मोनोक्रोटोफास की १ लीटर मात्रा को १००० लीटर की दर से छिडकाव करना चाहिए

फसल कटाई

मसूर की फसल की कटाई का सही समय क्या है, और इसके बीजो का भण्डारण किस प्रकार करें?

मसूर की फसल को पूणर्तः पकने के बाद ही कटाई करनी चाहिए, तथा फसल को धुप में सुखाकर मड़ाई करके दाना निकल लेना चाहिएI मसूर को भण्डारण में कीटों केबचाने के लिए एलुमिनियमफास्फाइड की दो गोली प्रति मीट्रिक टन की दर से प्रयोग करेI जिससे भण्डारण में होने वाली कीटों की हानि से मसूर को बचाया जा सके

पैदावार

मसूर की फसल से प्रति हैक्टर कितनी उपज प्राप्त की जा सकती है?

मसूर की फसल औसतन उपज २० से २२ कुन्तल प्रति हैक्टर प्राप्त होती है 

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